History

प्रश्न : – राज्य सरकार में राज्यपाल की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए ।

उत्तर : – भारतसंघ की इकाइयाँ दो वर्गो में बँटी है- 1. राज्य और 2 . केन्द्रशासित क्षेत्र । राज्यों की कार्यपालिका का प्रमुख राज्यपाल होता है । राज्य की कार्यपालिका -शक्ति राज्यपाल में निहित है जो उसका प्रयोग संविधान के अनुसार या अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों के द्वारा करता है । चूँकि राज्य की कार्यपालिका […]

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बलवंत के कार्य और उपलब्धियों

गयासुद्दीन बलबन – कार्य ,सिद्धांत, उपलब्धियां , लौह रक्त नीति , चरित्र ,मूल्यांकन बलबन का शासन काल सल्तनत के स्थिरीकरण का काल था । सल्तनत को अनेक संकटों से गुजरना पड़ा था । ये संकट सभी क्षेत्रों में थे ; जैसे , सल्तनत का राजनीतिक संगठन राजपद की दुर्बलता के कारण प्रभावहीन हो गया था

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इल्तुतमिश की उपलब्धियों का वर्णन करें

उत्तर : – इल्तुतमिश इलबर जाति का तुर्क था । उसका पिता इलक खाँ एक कबायली सरदार था । उसका राजनीतिक जीवन ऐबक के दास के रूप में आरम्भ हुआ लेकिन मुहम्मद गौरी की अनुशंसा पर ऐबक ने उसे दासता से मुक्त कर दिया था । आगे चलकर ऐबक ने अपनी एक बेटी का विवाह

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कुतुबुद्दीन ऐबक की उपलब्धियों का वर्णन कीजिए

मुईजुद्दीन मुहम्मद गोरो के गुलामों में सबसे योग्य और विश्वसनीय कुतुबुद्दीन ऐबक था । कुतुबुद्दीन ऐबक नामक तुर्क जनजाति का था । वह तुर्किस्तान का रहनेवाला था । बचपन में ही दास के रूप में वह नैशापुर के बाजार में लाया गया । वहाँ उसे काजी फखरूद्दीन अब्दुल अजीज कूफी ने खरीद लिया । काजी

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दिल्ली सल्तनत के स्रोतों का वर्णन करें

मधमकालीन भारत इतिहास के स्रोत ( दिल्ली सल्तनत ) उत्तर : – दिल्ली सल्तनत में साहित्यिक स्त्रोतों का बाहूल्य इसलिए है क्योंकि मुसलमान , अरबों और ईरानियों के बीच इतिहास लेखन की परम्परा अत्यन्त विकसित थी । इनके ऐतिहासिक दृष्टीकोण में कुछ अन्तर भी था । उदाहरण के लिए अरबों द्वारा लिखित कुछ रचनाएँ सामान्य

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मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत ( दिल्ली सल्तनत )

दिल्ली सल्तनत में साहित्यिक स्त्रोतों का बाहूल्य इसलिए है क्योंकि मुसलमान , अरबों और ईरानियों के बीच इतिहास लेखन की परम्परा अत्यन्त विकसित थी । इनके ऐतिहासिक दृष्टीकोण में कुछ अन्तर भी था । उदाहरण के लिए अरबों द्वारा लिखित कुछ रचनाएँ सामान्य इतिहास से अधिक सम्बन्धित थीं । जबकि ईरानियों की रचना केवल राजदरबारों

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